इण जुग री सोच

मां-बाप खातर बेटी बोझ

बेटा जलम्या बाजै ढोल

बेटी नै तौ करदै गोल

बेटा नै तौ राखौ सैंठौ

बेटी रौ तौ किन्नौ काटौ

इण जुग री सोच

मां-बाप खातर बेटी बोझ

बेटी देखै जे संसार

मिल सकै नीं बेटा-सो प्यार

चाहै बेटौ पूत-कपूत

बेटा जलम्या मां बाप व्है मुगत

इण जुग री सोच

मां-बाप खातर बेटी बोझ

खवाववण-भणावण मांय करै दुभांत

फेरूं बेटी रैवै सांत

बेटा सूं तौ वंस चालैला

बेटी हालत खस्ता कर दैला

इण जुग री सोच

मां-बाप खातर बेटी बोझ

जद करै बेटी रा पीळा हाथ

सासरिया नीं दै कदी उणरौ साथ

धणी सूं मिळै हरदम दायजै री दाझ

फेरूं पति परमेश्वर मानण रौ नाज

इण जुग री सोच

मां-बाप खातर बेटी बोझ

लुळ-लुळ नै करै चाकरी

बिखौ पड्यां करै नौकरी

सेवा सूं नीं कीं सरोकार

धन सूं चालै सगळौ व्यूपार

इण जुग री सोच

मां-बाप खातर बेटी बोझ

रिस्ता रौ है क्यूं घाटौ

दोन्यूं रौ है रगत रातौ

सगळा मिळ’र इण फरक नै मेटौ

भ्रूण-हत्या नै लगाऔ पळीतौ

इण जुग री बदळौ सोच

मां-बाप खातर बेटी बोझ

स्रोत
  • पोथी : आंगणै सूं आभौ ,
  • सिरजक : उषाकंवर राठौड़ ,
  • संपादक : शारदा कृष्ण ,
  • प्रकाशक : उषा पब्लिशिंग हाउस ,
  • संस्करण : प्रथम
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