किऽलीऽऽ बाऽ रोऽऽऽ आऽऽ योऽऽ

किऽलीऽऽ बाऽऽ रोऽऽ आयोऽऽ

राग काढ़ी रामूड़ै

आवाज खत्म हूण सागै

किली काढ़ी सोनूड़ै

टोरड़ी पूठी फिरै

बीं स्यूं पैऽली

कूवो बोल्यो

किऽलीऽऽऽ बाऽ रोऽऽ आऽऽ योऽऽऽ

किऽली बाऽ रोऽऽ आयोऽऽ

पण आज

घर रो घर

ऊभो, नळकै आगै

बारां री बानगी

ढूंढ्या लाधै कोनी

घड़्यां रा घड़िया गिणै

गयी आवाज बावड़ै कोनी

किली निसर्‌यां लाव रुके कोनी।

स्रोत
  • पोथी : बदळाव ,
  • सिरजक : शारदा शर्मा ,
  • संपादक : सूर्यशंकर पारीक ,
  • प्रकाशक : सूर्य प्रकाश मन्दिर, बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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