दीखै म्हनै
चारूंमेर
जिनावर-ई-जिनावर
जिका नीं जाणै
मा-बेटी-बैन री
ओळखाण
हवस में डूबोड़ा
काम रै मांय आंधा
जिका नीं छोडै
चार बरस, आठ बरस
अर दस बरस री छोरी नै
बणाय लै आपरो भक्ख
खोस लेवै जीणै रो हक्क
इयांरो निसर जावै मानखो
अै तो जिनावर ई है
जग जाणै आखो।