भाज-भाज’र

बणाओ मे’ल माळिया

कोठ्यां बंगला

पण थानै

तो छेकड़ मिलसी

जिग्यां तीन बाई छ:री

नीं-नीं

मर्‌‌‌‌‌‌‌‌‌यां पछै नीं

जीवतै जी थे

ईं सूं बेसी

जिग्यां घेर’र

दिखावो दिखाण

सोंवता बैठतां

का और किंया ईं!

स्रोत
  • पोथी : राजस्थली ,
  • सिरजक : मनोजकुमार स्वामी ,
  • संपादक : श्याम महर्षि ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी साहित्य संस्कृति पीठ राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति (बीकानेर)
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