कदै नीं जांण सकसी प्रीतविहूणी रतनावली

कै वा जैड़ौ समझै, वैड़ौ डोफौ नीं हौ तुलसी,

जिण सूं लटूमै, वौ सांप है, ठाह हौ उणनै

कांई जांणै रिंकी, म्हैं नीं जांणूं थारा छळछंद?

स्रोत
  • पोथी : रिंकी टेलर ,
  • सिरजक : कुमार अजय ,
  • प्रकाशक : एकता प्रकाशन