जाग मजूरां जाग कदै तक सोवैलो।

जाग्यां ही हक मिलै नहीं तो खोवैलो।

हाथां रा एंठण देख, देख तूं पगां रा फाला।

कितणी कर ली कार, फेर रोटी रा लाला।

मिनख जूण पण तू तो पसुआं जेड़ो रै

कद ताईं आप रै कांधै गुलामी ढोवैलो।

हाथ दरांती मोडै फावड़ो धरगै रै।

करज उतारण चाल्यो लियो जिको परगै रै।

ब्याज ब्याज मांय टुर्यो फिरै तू खेता मांय

टाबरियां नैं भी खेत मांय बोवैलो।

मीठी गोळी दे'र तन्नैं सब काम निकाळै।

तेरै नाम सिरकारां खजानो रोज खंगाळै।

लोकराज सो दिखै है पण है कोनी

कद ताणीं थूं रोटी री बाटां जोवैलो।

बलियाँ धनियाँ रो फुफकारै नाग मना।

मेरो काम है तन्नै जगाणो जाग मना।

भेळा होयनैं लड़ो लड़ाई हक खातर,

नीं तो सारी उमर ईंया रोवैलो।

स्रोत
  • सिरजक : लालचन्द मानव ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोडी़
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