मेणबत्तियां बुझी,

अंधारै री गैराई

‘क्लोरौफार्म’ री गळाई पसरगी।

संसार आपरी मौत रौ घोसणा-पत्र खुद रच लियौ।

अर मसखरै कर लियौ आतमघात।

मसीनां रा मंत्र-गान

जैरीलै धुंअै रौ तूफान

जहाज माथै बांदरौ

नांदी में भरत-वाक्य

मिरतू में सिरजणा

मसखरै रौ आतमघात।

मसखरै री विकट हँसी रै माथै

हँसी अेकाअेक खोपड़ी कंकाळ री

भूख आपरौ पेटियौ सेक लियौ

अर हंस आकासां चढगा है।

मसखरै रौ दुख

समंदर रै मांयली अगनी

भूचाळ में 'फ्रूट सलाद'

पण

मेणबत्तियां पाछी सिळगगी है

अर मिरतु रौ घोसणा-पत्र बळ'र

राख व्हेगौ है।

स्रोत
  • पोथी : परंपरा ,
  • सिरजक : श्री श्री ,
  • संपादक : नारायण सिंह भाटी ,
  • प्रकाशक : राजस्थांनी सोध संस्थान चौपासणी
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