के करण लाग रैयो हो

रामजी राम

लेखो देणों पड़सी

डांडी मारेड़ी का

डंडा खाणा पड़सी

साचा-साचा गीत गाणा पड़सी

ब्याज को पड़ ब्याज चुकाणो पड़सी

थारै तो थारोई

लियो-दियो काम आसी

पोतां धन करेड़ो

पोतां काम आसी

थे क्यूं बिनांई मतलब

बुराई को भांडो ल्यो हो

पांड बांध के लेज्याओगा के

कोई कोनी लेग्यो

सगळो अठई रेग्यो।

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी तिमाही पत्रिका ,
  • सिरजक : राजेनंद्र शेखावत ,
  • संपादक : श्याम महर्षि
जुड़्योड़ा विसै