भूखो-तिस्यो बगै भीखलो

मैणत करणै में पाछ नीं राखै

तगारी ढोतां-ढोतां

आईठण पडग़ी कांधै में

एडी में बिवांई पडग़ी

फाट्योड़ी जूती पैर्‌यां बगै।

बींरै परसेव रो हक अमरियो हजम करै

देखतां देखतां अमरियै री हवेली बणै।

चून्यौड़ा मिनख

सामाजिक न्याव री बातां करै

सैंग जाणै बदळाव रै वास्तै

भीखलै रै नेता नैं

खरचो-पाणी किंयां मिलै

ऊंधै माथै बैठ्यां पछै

भीखलै नैं कुण जाणै?

भीखलो भूखो-तिस्यो दिन काटै

सामाजिक न्याव री बातां करीजै

बातां बिचाळै अमरियै री लछमड़ी

पड़ी-पड़ी बधै

झूठ-सांच री ताकड़ी में

झूठ रो पलड़ो भारी पड़ै

राख तळे खीरा सुळगै

इतियास साख भरै

भूखा-तिस्या, सांचा जाग उठै

जणा क्रांति होयनै बदळाव हुवै।

स्रोत
  • पोथी : जोत अर उजास ,
  • सिरजक : रतन ‘राहगीर’ ,
  • प्रकाशक : युवा सिंधी विकास समिति
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