अबार कुण सो हेज करै।

तूं क्यूं काळा पेज करै।

गुलगुला धाप'र खा लेवै,

पण गुड़ सूं परहेज करै।

मुंडै सामणैं राम राम,

काख में छुरी तेज करै।

टूम ठीकरी कार लेवै,

ब्याह बिन्यां दहेज करै।

तेरै बरगी घोन सौ मिलैं,

जा मेरै के तूं बे'ज करै।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : कुलदीप पारीक 'दीप' ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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