गोदारां रै बास मांय
साठ बरस जूनो बोदो कीकर
आज ई साफ दिखावै
जेवड़ै रा रग्गा
जिकै माथै हिंड्या करती
सगळै बास री छोरियां
कूकल्यां मार-मार'र
दोपारां रै टेम
निडर होय'र
पण अब कुण ढक्कै बै रग्गा
कुण चढ़ावै पींग
बै तो जा पूगी
परायै घर
परायां लारै
बण'र नार।