पईशा आली नै दुक वोरवु,

नै पाणी पी नै घोर खोरवु,

काम वईं रईनै केंम करवु?

वरवा वारा नुं वरे नै -

वेस में भंडारी पेट कूटे।

पण खा दे तो डूँगरो खूटे

आक्के ला लागी है हूँ करवु?

एक ठेकणे दुक होय तो इलाज कर्ं,

आँय तो वार-वार में फोल्ला थई ग्या हैं,

एक भगवन् होय तो पूजाए कर्ं,

अवे तो घोर-घोर में गोल्ला थई ग्या हैं;

देकी-देकी में आपड़ू माँतु केम खराब करवु ?

पईशा आली में दुक वोरवु,

नै पाणी पी में घोर खोरवु,

काम वई रईनै केम करवु?

स्रोत
  • पोथी : वागड़ अंचल री ,
  • सिरजक : ललित लहरी ,
  • संपादक : ज्योतिपुंज ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham
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