हे म्हारे जीव री जड़ी, म्हारो प्यारो राजस्थान
सगलां सूं घणी न्यारी, ईण री आन बान शान
ईण री माय पन्नाधाय, रानी थी बड़ी हाड़ी
इक पूत गवायो हो, दूजी सीस चुकायो हो
रानी पद्मण जौहर पे, म्हाने घणों अभिमान
है म्हारे जीव री जड़ी, म्हारो प्यारो राजस्थान
आ धरती प्रताप प्रसुता री,आ भटियाणी राणी री
मीरा कृष्ण री धरती, रजपूती किरण बाईसा री
भूल्यो नी भुलावै है, देवलदे रो बलिदान
है म्हारे जीव री जड़ी, मारो प्यारो राजस्थान
बप्पा रावल रो गौरव, कबंध तोरा राठौरा
जयमल पत्ता री वातां, गोरा बादल री कैण्या
रुणीजा देव रो परचो, अणुठो सांच रो परमाण
है मारी जीव री जड़ी, म्हारो प्यारो राजस्थान
सगलां सूं घणी न्यारी, ईण री आन बान शान।