किसीक भुंडी हुई है सगळां सागै

बडेरां नै टाबर कोनी पूछै अर

सासुआं नै बहुआं कोनी पूछै

आजकाल का टाबरां नै जरूत कोनी बडेरां की

हर सवाल को उत्तर देवणियों गूगळ है...

बरत-बड़ूल्या की,

तीज तिथ तेंवार की,

कथा-कहाणी की सगळी जाणकारी है गूगळ कनै

अब सबसूं बडो जाणकार गूगळ है

डाक्दरां की प्रैक्टिस,

पंडितां की पंडिताई

सब धरी रैगी कमाई सारी घाटा में पड़गी

छोटी-मोटी बीमारी की दवाई

बतावै गूगळ

टीका-टीपणां, टूणां-टोटका बतावै गूगळ

शुभ-लाभ का मूहरत बतावै गूगळ

गुरु नै चेला कोनी पूछै

बे बात बात में गूगल करै

जलमपतर्‌यां तकातक गूगळ मिलावै

गूगळ का दिन आजकाल सबसूं चौखा चाल रिया है

गूगळ को यो गोरखधन्धो चालसी कद तांई,

बडा सूं बडो कोई पंडित कोई जोतसी बता सकै है कांई ?

गूगल को भविष्य।

स्रोत
  • पोथी : गूगळ ,
  • सिरजक : प्रमिला शंकर ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी