मायता कितरो पाप कर्यो,
कुण करसी, ईण रो हिसाब,
किण’री प्रीत न,
किण’र सागी बांधी,
अणचायां, मना न एक कर्या,
नट’बी ना सकोला,
चंवरी री आ’ग देखी है,
बंधता गठजोड़ा,
हुवंता पाप।