सड़क रै एकै खानी
हूं देखरह्यो थो
फाटोड़ै गाभां मांईं
आधो नागो
आंसूड़ा ढलकातो
हाथड़ला पसारतो
डरतो डरतो
मांग रह्यो थो
दांणो-दांणो
पण कुण देवे उणनै
दांणो पाणी
बापड़ो भूखो तिस्सो
चाट रह्यो थो
एठ्योड़ा पोना
जद म्हे सोचयो
के हे विधाता
थारे खोले मोई
रो रह्यो है
कर्म रो मार्योड़ो
गरीब बापड़ो।