गांव थारी परभात
जाणै सावली को काचो रंग
चढती दुपहर जाणै
चामड़ा का चंग
मझ दुपहर
जाणै बाकरा की तांत
सांझ...
जाणै रूई की पूणी
कात डोकरी...और कात।