आयो वोटां रो तिंवार

छाई वोटां री बहार

आओ वोट देवण चालां

आपणो फरज निभावां

सगळा रिळ-मिळ जावां

चोखे मिनख ने जितावां

सगळा होय जावो त्यार

आयो वोटां रो तिंवार....

धणियाणी केवै धणी ने

म्है भी वोट देवण जासूं

वोट देवणो घणो जरूरी

सबनै बात बतासूं

थारे सागै चालूंला

वोट देवण म्हारा भरतार

आयो वोटां रो तिंवार...

पांच बरस तो दिखया कोनी

अबै नितुगा दरसण देसी

लारला पूरा करया कोनी

नेता अबै नूवां वादा करसी

चिकणी-चुपड़ी बात्यां करसी

पण आपांने रैयणो है हुसियार

आयो-आयो फेर वोटां रो तिंवार।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : कासिम अली ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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