तूँ बता आज कै? होळी है!

रे तूँ बता आज कै?होळी है!

कठै रमे केसर सी कळियाँ!

रंग गुलाल कठै आँगणियाँ!

मचे कठै बिजिया री मस्ती!

कठै कलंदर टोळी है!

तूँ बता आज कै?होळी है!.....(१)

बड़कूल्याँ री माळ कठै है!

गीताँ री धमचाळ कठै है!

फागण फिको चंग बिना रे,

लूराँ री रमझोळ कठै है!

कठै गिया ढूँढ़ण सै ढूँढ़्या,

कै? फूल्याँ री झोळी है!

तूँ बता आज कै?होळी है!.....(२)

देवर भाभी री अठखेल्याँ,

कठै गुमी? ताळाँ री बोल्याँ!

कठै? गई सै रीत पुराणी,

बे पिचकाऱ्याँ, रंग री डोल्याँ!

रामा श्यामा सगळा भूल्या,

मेसेजाँ री गोळी है!!!

तूँ बता आज कै? होळी है!.........(३)

कुण देखे? होळी री झाळाँ,

कुण गावे? तेजो दे ताळाँ,

कुण पूजे?सोळा पिंड्याँ ने,

कठै हंसी ठिठोळी है!

तूँ बता आज कै? होळी है!......(४)

गींदड रमणो किकर भूल्या,

किकर थापोला बड़कूल्या?

मोबाईल में टाबर सगळा!

तीज तिँवारां ने है भूल्या!

'भावुक' पीड़ बतावे मन' री!

रंगरसिया हमजोळी है?

तूँ बता आज कै? होळी है!......(५)

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : भवानीसिंह राठौड़ 'भावुक’ ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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