आतंकी : अेक
आतंकी अणपार हे राम!
ज्यूं बिजळी रा तार हे राम!
थारी तो परजा सतहीणी,
अै राखै हथियार हे राम!
धरम-करम नैं धता बतावै,
छोड्योड़ा घर-बार हे राम!
मां- बै'नां री काण न मानै,
खायां बैठ्या खार हे राम!
करै घाव में घोबो बैरी,
कियां पड़ती पार हे राम!
सुरसा-मुखी मैंगाई मारै,
तूं ही पार उतार हे राम!
आतंकी : दो
अै के जाया पूत रामजी!
अै तो निकळ्या ऊत रामजी!
भूल्या-बैठ्या मिनखाचारो,
काळा घणा कपूत रामजी!
रगत- बीज सा पनप रैया है,
अै आतंकी भूत रामजी!
अब तांई जितरो ई कात्यो,
कर नाख्यो सौ सूत रामजी!
समझायां समझै नीं फीटा,
क्यूं नीं मारो जूत रामजी!
आतंकी : तीन
अै के जाया जाम सांवरा!
आं रो निकळ्यो राम सांवरा!
थांरो नांव डूबोवै तर-तर,
कर-कर कोजा काम सांवरा!
नाजोगा-निरलज-नुगरा अै,
करै थनै बदनांव सांवरा!
जणनी पूत जण्या क्यूं अैड़ा,
क्यूं नीं रैयी बाम साँवरा!
अे धरती नैं बोझां मारै,
करै नीं काम तमाम सांवरा!