जूजळियां री जात, मती रळो मामोलियां

गंदै गोबर गात, भूरा-काळां भूंडियां॥1

लाल कसूंमै लैर, बुढिया कानां वाळला

मामा मुरकी मैर, पैरण चावै पातळा॥2

वा:ळां खाळां वाग, मामोल्यां जुड़ जुगत सूं

पो लेवां पण पाग, जीव जाण छोड़ां जगां॥3

हरखत पोवां हार, जेवर बींटी नग जड़ां

चुन्नी चूंप सँवार, मोद मनां मामोलियाँ॥4

मनड़ै पैरां माळ, नाक वणावां नथलड़ी

आण! करां नीं आळ, मनहर माण मामोलियाँ॥5

कोड करां कँवळाठ, मन सिसु मामोल्याँ सजळ

नैणां जोय निराठ, हिवड़ो ठारां हाथ ठम॥6

घिरां थांरी घात,रात दिवस घर-घर रमो

पट्टो ल्यो परभात, मुरधर सूं मामोलियाँ॥7

किरसाणां रा कोड, हिव मामोल्यां हरसणा

सदा विराज सरोड, मरू मोलळै माण मन॥8

टाबरियां रा टोळ, भटक मुड़ै मुठ्ठी भरै

ल्हासू डाळी लोळ, मामोल्याँ माथै मचै॥9

मामोल्यां मनुवार, बाळकिया बो:ळी करै

चिणी छिड़क चुचकार, मुख सारै मेलै मुळक॥10

बूढी माई बोल, हंसत कवै बाळक हियां

खावण मुखड़ो खोल, मधुर माल मामोलड़ी॥11

बुढली दूजी बात, सुणै काई साँभळै

जीव लगन लुळ जात, मन अपणै मामोलड़ी॥12

बालां री सुण बात, रूचै आपरी मन रळी

गुणां रंगीलो गात, मुळक डील मामोलड़ी॥13

सुळ सळ कुरळ सरीर, पेज कसूमल पाग सी

बाईसा रो वीर, लँफै बूढ़ली लाल रँग॥14

चुळ घुळ चोवै चीर, काय रगतवरणी कियां

नव मेघां रै नीर, मरवण गिर मामोलियाँ॥15

रूळती रूणझुण राळ, धोरां छिब, धापी छबी

जुड़ती जो:ड़ां पाळ, मधरी भोम मामोलियाँ॥16

मामोल्यां री मौज, कदे बदे क्यूं बावड़ै?

रैसी जद रज रोज, सदा राखसी साँवरो॥17

इन्द्रवधु इण भोम, मामोल्यां मानेतणी

कुण सरगां री कौम, कोड धरण सूकी करण॥18

ओरी माता ओग, उन्नाळै घर आपड़ै

रिसै बाळां रोग, भसमी मामोल्यां भली॥19

रोक डबड़ियाँ राख, चुग चुग भेळी कर चतर

लाभ ओखदां लाख, ऊँचो मामोल्यां असर॥20

देवो जीवण दान, खेवो मरणो खुद तनां

मरणो सेवा मान, अमर मरण मामोलियां॥21

सीसी भरल्यां साख, आखै रोगां ओखदां

कढत पिदावै काख, मांदण बाळ, मामोलियां॥22

काळां री करतार, इन्द्रधुटी ओपणी

मुड़ खेतां मे’मार, करसां माथै कोपणी॥23

कदे काळो मे’, मामोल्यां थां मन बिना

छिटक दिखावै छे:, अेकलड़ो ना ओसरै॥24

रे धीवड़ सुभरात! थारां दीया थाट दिन

अवर मिलै उदात्त, म्हां जैड़ा हक़दार मन॥25

ना बंगाल बिहार, मुळक मेघ सेवा मुड़ण

किसो इसो साकार, धोरां मामोल्यां धरण॥26

मामोल्यां रै मान, मुरधर रो कण-कण मनै

माँडण थान मुकान, जोवै बाट जणो-जणो॥27

थे आवो जद ओज, मौज करै केकी मनां

रंग मामोल्याँ रोज, कूदै नाच कलोळ नव॥28

मन-तन थांरो मोर, म्हां सो:धन मामोलियां

वालम हुया विभोर, फूली सायधणा फिरै॥29

हद धण पीव हिलोर, तीजां उछव ताव उर

लीलै आभै लोर, ईळी मामोल्यां इळा॥30

वगड़ बुहारूं काट, खाट खड़ी कर खोजवूं

लुळ धर धण रो लाट, रँग मे’ मामोल्यां रळ्यो॥31

आवण सावण आप, रकत वरण धरती रँगै

बूठण आवै बाप, माथै ले मामोलियाँ॥32

राम राज री राय, इन्दराणी का अपसरा

देस अकलपुर दाय, बरमाणी सुर बूढळी॥33

वग अद अपणी बार, मामोल्यां मुरजादसर

भोम खेतड़ाँ भार, मुरधर मांडण मैफलां॥34

बुढिया बुद-बुद भाज, राजथान रज रमण नै

न्हासन नवळै नाज, राजनीति नुकसाण घण॥35

मेहां मांहे आय, नांय अडीकै नूंत नै

देवी दरसण दाय, मोट मनां मामोलड़ी॥36

मेघ-म्हैंदरै लच्छ, मामोल्यां मूमल मतै

गुणां रेसमी गुच्छ, भँवर-कँवळ रै हेत कुळ॥37

रोवां रेत रुझान, आपै आवै बावड़ै

मल-मल थान-मकान, मुखमल मन मामोलिया॥38

रूपम लूँबी लाल, ऊपम बूंदी ओपरी

चतर बूढळी चाल, पुसब भेळ ना पाक वड़॥39

स्रोत
  • पोथी : दस दात ,
  • सिरजक : साहित्य महोपाध्याय नानूराम संस्कर्ता ,
  • प्रकाशक : लोक साहित्य प्रतिष्ठान, कालू-बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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