तिणकलै नै मामूली गिणो थे
क्यूं...कदेई सुण्यो कोनी के
ओ मुहावरो कै
डूबतै नै तिणकलै रो सा’रो।
इत्तो ई क्यूं .?
तिणकलो-तिणकलो जोड़्यां ई
जगाई जा सकै आग...
आग, जकी बुझावै पेट री आग
अर सियाळै मांय दूर करै सी।
असल बात तो आ कै
आग भलाईं किसी ई होवै
तिणकलां स्यूं ई
सरू करीजै।
तिणकलां भलाईं
फूंक सूं हाल जावै
पण फूंक सूं बणाइजै कोनी।
ईं नै ई पैदा करण मांय
माटी-माटी सो’कीं चाइजै
अर छोटै स्यूं छोटो तिणकलो
पैदा करण मांय
अेक-दो म्हीनां
लाग ज्यावै!