दोना कांनी

फगत

चुप्पी...

नजीक थोड़ा'स

आंतरौ

बस बातां व्हैरी

निजरां सूं

देखूं

देखतो जाऊं।

स्रोत
  • पोथी : थार सप्तक (दूजो सप्तक) ,
  • सिरजक : गौरीशंकर ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’ ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन
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