दिवा नी लौ नो
हलवो-डुलवो
अंदारा मां वायरा मं तरतू
बापड़ा पोपटा जेवू नी लागे के ?
घणा अंदारा मएं
नानी सी लौ नु झपकवू
कया काठो आदमी मस्ती मारे
अेवो नी लागे के?
ऊपेर नीसे थाती दिवा नी लौ
सवदा वर पछे पाछे आवते
आपड़े राम ने जोता थका
ऊंसो थाता सोरा जेवी नी लागती के ?
के
खूब हूंस में थयो तका
वाजिता ऐवी नी लागे लौ
जे घड़ी-घड़ी आपड़ो काम बताइवा
अगाड़ा आवे है
आ वातें हासी है क झूठ
वळी वळी ने वाद करवानी जरूरत नथी
केम के
वळी वळी ने वाद करवा थी
नें तो दीवो बळी सके
न उलवाई सके।