म्हारै गाम ना ठाकोर साब ना
रावळा मएँ
हेत्तीए राड़िए बरी गई हैं
पण इनी अमराइयँ ना वंट
अजी एम ना एम हैं।
पाडोई नी दादागिरी
वाणियां नी वकालात
नै भाजगेड़ियं नी भसवाड़े
हाम्बरी-हाम्बरी
ठाकोर साब भूली ग्या हैं
के घर नी कोठिए खाली पड़ी हैं
ऊंदरं अप्पा करें हैं
रावळा नी भीते
तड़की गई हैं, भाटा नैकरी आव्या हैं
ठैकणे-ठैकणे दौर ने खाड़ा
आपडु रोवणु रोई र्या हैं
खोणे-खोणे हापुलियं
मसरं घरोडिए नै कील्लं
रास रमी र्यं हैं
खेतरं पाणत नी वाड़ जोई
हुकाई र्यं हैं
गाम ना घर-घर मएँ
हाप नोरियं नो वैर
सबने एकला पाड़ी बैठो है
सब सगा-व्हाला
नै भाई-भागिया
आपड़ी-आपड़ी वाड़िये हम्बारवा मएँ ।
आंख फूटमणियं नी वेले
रोवी र्यां हैं
घर ना कुंवर आपस मएँ
घटियं हावा मांड्या हैं
नै पूर्वज ना रोप्या
एकता-हार हम्बार नै सुख शांति ना
वेला ऊजाड़ी वद्यू ई खावा मांड्या हैं
आणी हालत मएँ
ठाकोर साब हवेली नी शान मएँ
भड़ाका छोड़ें
नै गाम ने ईतरीयं नै
आपडो वट भारै
ई तो ठीक है म्हारा भाई
पण कम थकी कम
ढीलू पडतु पोतियु
पासु बांदी लेता
तो लाज रई जाती हारा भाई
लाज रई जाती।