म्हे सगळा टाबर
करता मां सूं अरज
बणाद्यो म्हारै वास्ते
ढोकळिया।
मां केवंती हलवै
बणाणै जिता सोखा नीं है
ढोकळिया बणाणा।
जाओ कड़बी अर बूर ल्याओ
कठै सूं
इत्तै मैं सूंफ,अजवाण साफ करल्यूं।
इत्तो सुणताईं म्हे हो जावंता
दड़मछट परलै घरै
हांफता हांफता केवंता बडी मां नैं
माऊ कड़बी देइयो
माऊ रो पड़ूत्तर सुण्या हूं पैलां ही
रमेशियो चढग्यो छपरै पर
थबी भरगै कड़बी फैंक दी नीचे
कड़बी तो मिलगी पण
बूर पूरै बास मांय नीं मिल्यो
उम्मीदां पर पाणी फिरतो देख
म्हे टाबरां सोच्यो
रोही मैं चालां बठै मिलसी
सोचण गी देर ई
पूगग्या टीबां पर
लागग्या ढूंडण बूर रा बूजा
म्हारै वास्तै बूर ना होर
संजीवण बूंटी हो बूर
हांडता हांडता दोफारो होग्यो
जद जा'र मिल्यो
मिलतां ही भाज्या घर कानी
पूग्या जद मां
खोपरै री चिटकी काटै ही
कढावणी मांय कड़बी रा डोका जचा'र ऊपर साफ कर्योड़ो बूर
पछै ढोकळियै रा पेड़ा
फेर कड़बी रा डोका
फेर बूर फेर ढोकळियै रा पेड़ा
मां तगड़ै हलवाई नै
फैल करती दीखै ही
इण तरियां च्यार पड़ता बणाई मां
पछै रमेशियै नै केयो जा कुंडी ल्या
म्हे सोच्यो कुंडी गो के करसी
कढावणी रै मूंडै पर कुंडी रख'र च्यारूं मेर गिलो आटो लगा दियो
कुंडी मांय दो लोटा पाणी घाल'र
हारै मांय कढावणी रखदी।
दो तीन घंटा बाद मैं पूछ्यो
मां ढोकळिया बणग्या कै
मां केयो जद ताण कुंडी गो पाणी नीं उबळै काचा होसी
म्हारै पेट मांय बिलिया बोलै हा
जद बणग्या तो मां परोस्या
घी मांय चूर'र
मैं खांवतो खांवतो बोल्यो
सांच्याणी मां हलुवै बणाणै जिता
सोखा कोनी ढोकळिया बणाणा।