म्हूं जैयं हैण्ड़ी र्‌यौ हूं

अेक रेत नी नदी है

नदी पाहे

अेक बोडी डूंगरी है

डूंगरी माथै

तीतरा भाटा

नै

भाटा वच मअें

अेकलू रूखडू है

रोखड़ा नी टोंच माथै

अेक गोखो

गोखा मअें

अेक चकलू

नै

अैनी चोंच मयं

अेक तकलू

चकलू

तकलू लईने

उड़ी ग्यू

ऊंचू

क्यं अे अंगास मअें

सूरज सांमूं

नै

देखतौ रई ग्यौ

जैम

अेक चकलू

अेक रूखडू

नै अेक नदी

हरतै संभारी र्‌यं हैं

आणी स्रस्टि ने।

स्रोत
  • पोथी : अपरंच ,
  • सिरजक : प्रदीप भट्ट ,
  • संपादक : गौतम अरोड़ाप्रदीप भट्ट ,
  • प्रकाशक : अपरंच प्रकाशन