1


काळजीये री कोर बेटियां, आंख्या री ऐ टियां
घर आंगण ऐ करै चाँदनो, जीवण री ऐ जोत बेटियां 
सुपना री डोरी रै सागे गगन हिडोळे हिंडा खावे
औसर मिलता ई ऐ फर फर उड़ जावे बेटियां...

2

सुरजे रो है ताप बेटियां शरद पूंन्यु रो चाँद बेटियां
गंगा जमना सुरसत अर लिछमी रो वरदान बेटियां
माँ बाबा रो सुखड़ो दुखड़ो परछाई ज्यूँ सागे होय
जुम्मेदारी सिगळी निभादे बण करडा कांधा बेटियां..

3

मिलियो औसर जद इंया नै, नाप्यो अंबर बेटियां
पण दुखड़ो दुणो होवे जद कुंख में मरे है बेटियां
क्यूँ मारो क्यूँ भेद करो क्यूँ लारे राखो कारज मांय
मानो बरोबर मान बधासी, पढ़वा भेजो बेटियां....

4

टेम आयग्यो चेतण रो हम्मे आगे बढ़ावो बेटियां
सगती सागे आतम निर्भर बण दिखावे बेटियां
बेटा बेटी हुवे ऐक सा दोंन्यु सूं घर उजियारो
जीवण जोत दो आंख्या ऐ धूप छाँव है बेटियां...

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : कृष्णा आचार्य ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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