बेटी
सब सूं प्यारी व्है
सब सूं मीठी याद
सब सूं प्यारी कविता
अेक कोमळ भावना
भोर रौ सुपनौ
सुपना रौ सरग
सरग री आभा
लाडली बेटी-
बिवड़ै रौ जास
अंतस री आस
मुळकता होठां री बात
बेटी
मां-बाप
गोद-आंचळ
देहरी-चौक
सूरज-आभौ
सगळां री पिछाण
उणनै उड़ण सारू
आकास दौ
देखण सारू
सुपना दौ
इण स्रिस्टी में
द्रिस्टी दौ
विसवास री
आतम-बळ री
वा जद उडैला
पंख फैला’र
ना ले’ला
सगळौ विस्तार