ब्याव पछै

बेटी नै

पी'र च्यार दिन

छोडै कोनी..

जुवाई

लार रो लार

आय जावै

अर मूंडो लटका'र

केवै-

'म्हारी मा री

आसंग कोनी!'

म्हैं सोचूं-

'छोरी तो पूरी सूरी

पढी कोनी...

अर डाकटर

कद पछै हुयगी..!'

स्रोत
  • पोथी : बेटी ,
  • सिरजक : मनोजकुमार स्वामी ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : Pratham
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