धुंधां धोंरा घास, धामण धर उपजांवती
ऊँची सेवण आस, धेना धारै रात दिन॥1
धुंधां धोरां धेन, धामण तज धोळी मुड़ै
सेवण चूक न चैन, घमड़ विलोवण घर नहीं॥2
ढींकै आखा ढोर, भुरट मुरट भावै नहीं
रोही रुहाड़ जोर, सेवण मौजां माणणै॥3
भैंस्यां भिड़कै भूक, रिड़क न रोही जांवती
‘सेवण’ लांपा सूक, खावै कुण खोही हुई॥4
घरां हिणहिणै घोड़, ठाण तजै ना ठारड़ा
सेवण कूतर छोड़, खेतां में क्यूँ खड़भड़ै॥5
कजळीवन वरमान, मन स्यूं सेवण मानग्या
रैवण राजस्थान, हाथी खावै हरखता॥6
सेवण पालै सेळ, गुदी लांण घिंटाळ में
भावण कूतर भेळ, ऊँटां चारै आबरू॥7
भर पूगळ भँडाण, जुड़ मा’जन जेसाण जग
मुड़ मगरै बीकाण, सेवण ऊगण सुरधरण॥8
गोरी-काळी गाय, जीव भैंस जळ गळ तणो
मुरधर सेवण माँय, राजी पण भाजी फिरै॥9
बधता बूजां बेठ, खींपा पीपां खेतड़ां
ऊँढां ठूँढां ठेठ, सेवण सिट्टा काढती॥10
सेवण सिट्टा खाय, दूधां नदी दिखाळद्यै
भैंस्यां गायां भाय, मही दही माखण मठै॥11
घर सेवण रा घास, कढावणी दूधां कढै
अरळ-परळ आवास, चुवै चीखलै घी घणो॥12
तरळ कड़ाव तळाव, भैंस्यां खा सेवण भरै
सिब-सिब हारा साव, ईल गील गिचपिच सवै॥13
छीकै छ्याळी भेड, अळगी सेवण अेडकर
मरी दूबळी मेड, ओछी रैगी आपतां॥14
डूंगां डैरां नाँय, ऊँचा मगरां ओपती
पाळ पड़ालां मांय, रै: सेवण पग रोपती॥15
धन पसवां धिण दाय, खै: सै: खोड़ीला सदा
रोझ, गधेड़ा, गाय, सेवण मिरगा सोवणा॥16
ओकत अजब अकाय, खाय पाय पसु खेतड़ो
जीवण जुगत वणाय, फूटरमल सेवण फबै॥17
करस भारिया भोम, सेवण मेवड़ सांतरी
कैवण लीलै कौम, चारण गाय गुवाळिया॥18
दाँती सूं ले दाव, भाज कळावां भारियां
बोरां वड़ भरल्या, सेवण कूड़ी साजणै॥19
वागर मंडळी बूंट, रस सालां सेवण रवै
लादा लादे ऊँट, टेका दे अैंढा चिण्यां॥20
काळ कुसंमां टाळ, उदस जिनावर ऊबरै
रोही करण रुखाळ, सेवण घसक किसाण घर॥21
गाडां सूं ल्यां गाँव, पाळां बछड़ा पाडिया
ठाली रवैन ठाँव, वाखळ वाड़ा सेवणां॥22
वछड़ां सेवण बाँथ, गो:रा गायां नीरणी
गधां उबांक उळाथ, घूरै कूटळ घेरद्यां॥23
छिब छानड़ियाँ छाँय, डूँचा टापां डोरियाँ
झूंपा बंध बँधाय, माँडां सेवण मैलड़ा॥24
छपरा जूणां छांय, ढाणी पड़वा ढूँढड़ां
तीखै गोखै तांय, सोवै सेवण सुरधरा॥25
सेवण सेवाकार, पर उपकारां आरबळ
धरमी नाँवौधार, सेवण परसेवा करै॥26
जेटां खेत जमाय, ढिगला बाँथाँ ढाळद्यां
सेवण खमां समाय, वागड़ भैंस्यां वादळी॥27
करसा काटै दौड़, कदे न कड़ ऊँची करै
आथण आवै छोड़, सेवण रा कर साथरा॥28
कर-कर रेलां कोड, डब्बा भर डाकण वगै
लेवै पूरो लोड, सूंसावै सेवण भरी॥29
हाथी घोड़ा हींस, लीली सूवापाँखसी
राज घरांरी रीस, कूतर चर गिगना चढै॥30
घासां गुण सिरताज, राजथान रोही रमै
कुळ केसरिया वाज, सेवण घी घर साँपजै॥31
सेवण देवण दान, खता माफ़ खेवट करण
खेवण असवै खान, थान मुकानां मुरधरा॥32
धीणै रा धमरोळ, गायां-भैंस्यां घर घणां
रवै गूणियै गोळ, सेवण रै सामै बिना॥33
घी-दूधां देवाळ, धन-पसवां रै: जी जड़ी
टपकै दुरभख टाळ, सेवण सांसरिया पळै॥34
दोसत दुख रै दाव, दूध दुरभखां दूझणो
सत्रु सरावण घाव, काळां सेवण कोझळी॥35
सेवण सरगां वास, न्रिपत चराई नंदिणी
धज धेनां सुरघास, वंस दिलीप वधावियो॥36
गिरधर चारी गाय, सेवण सिट्टां सांवटां
मही विलोयो माय, माखणियैं मोवण मनां॥37