सूत की नांई
काचो होवै छै परेम!
तो कांई कै दो-च्यार
बगत जद बी मल्या
हांस'र बोल ल्या
मुखौटो लगा'र-
म्हनै झूठा ई लागै छै
अस्या लोग...
अर वांको अस्यो
झूठो दरसाव।
पण आज तो ताबड़तोड़
हिसाब सूं
अस्या मनख्यां की
खरपतवार बधती जा'री छै।
ई को मतबल तो कोई नै
कै सांचा लोग
नपज ई न र्या..!