सुण पेपला!

मिनखां सूं

घर बणै

घर सूं बणै

समाज,

वै कुण है जिका

घरां सूं

मिनखां नै

भजावै

अर समाज सूं

घर बणावै?

स्रोत
  • पोथी : पेपलो चमार ,
  • सिरजक : उम्मेद गोठवाल ,
  • प्रकाशक : एकता प्रकाशन
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