हीड्यां फटफट टोळ्यां फाटो, आओ छोटा-मोटा।

बाळक-बूढ़ा हिलमिल सारा, खेलो दड़ी घोटा॥

बूढ़ा ठाडा जोर लगावै, दड़ी घणी फरणावै।

गिसी पावल्यां कैवै कोई, हुर्या घणा मचावै॥

टाबर आपस मं दे गाळी, छोरा घणां खोटा॥

बाळक-बूढ़ा हिलमिल सारा, खेलो दड़ी घोटा॥

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : मोहन मण्डेला ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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