जी—हुजूरी अर जीकारो

काज सारदे झट परबारो

झटपट बंद बारणा करल्यो

दिल्ली सूं आयो बिणजारो

कद ताईं रेल चालसी

टीटी गिटग्यो सारो चारो

धाड़ायतां रा तळवा घिस्सो!

राम निसरग्यो कांई थारो?

स्रोत
  • पोथी : अंवेर ,
  • सिरजक : श्याम गोइन्का ,
  • संपादक : श्याम गोइन्का ,
  • प्रकाशक : कमला गोइन्का फाउण्डेशन, मुम्बई,
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