तास रौ अेक म्हैल है रिंकी
म्हैं अेक पत्तौ काढ़ लेवणौ चावूं उण मांय सूं इण भांत
कै नीं पूगै उणनै कोई नुकसांण!
लाखूं बरस री अेक बांण साथै चालतै इण जगत सूं
अेक भी कांकरौ ऊठायां बिनां
म्हैं म्हारै पांती री दुनिया इण मांय सूं काढ़ लेवणौ चावूं!
कदै घणै अटावरै अर कदै घणै होळै चालतै
इण बगत नैं थाम्यां बिनां म्हैं थम जावणौ चावूं
केई जुग पैलां रै अेक सोवणै-मोवणै छिण माथै जायनै!
किणी रै घर री बगीची रौ कोई फूल म्हैं तोड़ूं
अैड़ी जाबक ई मनसा नीं है म्हारी,
म्हैं फगत अेक गुलाब री चिन्हीक-सी सौरम
म्हारै डील अर आतमा मांय भर लेवणौ चावूं।
म्हारी रीती अर सूनी-सी जिंदगांणी मांय
भर लेवणौ चावूं थन्नै बिना किणी रौ हक मार
किणी री भरूंभर जिंदगांणी नै रीतायां बिनां।