चिड़ी री बोली लिखौ

रंग फूल रो

नि:सबद,

कलम नै आंख मैं

पकड़ो

करो

आकास कागद।

निजर नै तीर सी

गाड़ौ र’ बींधौ

बादळां रै लार रा

बादळ।

चिड़ी री बोली

लिखौ

रंग,

फूल रो नि:सब्द।

स्रोत
  • पोथी : चिड़ी री बोली लिखौ ,
  • सिरजक : मोहन आलोक ,
  • प्रकाशक : रवि प्रकाशन दिल्ली