वो शराबी 
झगड़ पड़्यौ 
बी सूं 
मारग बैवतां 
गाळी-गळोच 
हाथा-पाई 
दिनूंगै 
पंच बोल्या 
यार 
जावण दो 
वो तो 
नशा में हो भाई। 
 
                 
                
                    
                        स्रोत
                            
                                    - 
                                        पोथी : जागती जोत जनवरी 1996
                                            ,
                                    
 
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                                        सिरजक : राणुसिंह राजपुरोहित
                                            ,
                                    
 
                                    - 
                                        संपादक : गोरधनसिंह शेखावत
                                            ,
                                    
 
                                    - 
                                        प्रकाशक : राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर