1. देशभक्त
भागोत जी की पोथी को
ठौर-ठौर सूं फाट्यो
पुराणो पानो
जो रेवडी पै जा पड़े।
2. शहीद
सूजी का सीरा मै
अणागत आण पड़्या
मरड़्या काँकरा
ज्याँ को नाँव भी
स्वाद बगाड़ द्ये॥
3. नेता
जो साँच का काजळ सूं
बागाँ नै ब'चार
रात-दन
मसरी की बागोल करता रै॥
4. बड़ा आदमी
लत्ता फैरै चोखा
ज्यूँ-
लप्या-पुत्या खोखा
देबा नै धोखा
अपणावै सादगी-
बड़ा आदमी॥
5. देश भक्ति
गरीबी मै मांडी हुंडी
लाटरी मलबा पै
दना-दन
सकराबा की भीड़।
6. सरकार
उस्ताद
जो गुड़ दे'र
कडूल्यो खोल ल्ये।
7. योजना
बासी खीचड़ी
जी मै पड़्यो घी
नीच्याड़ी नै
उपर्याड़ी ही बहतो रै।
8. शिक्षा
काळो पाटो
जीं पै
बना अरथ की
आड़ी डोडी रींगठ्याँ
खँचरी छै।
9. बसवास
कपूर को डळो
जो
देखता ईं देखताँ
उड़ज्या॥
10. प्यार
मूंडा को पान
जो होंठ राच्या पै
थूक द्यो जा छै।
11. बा पोथी
जी नै पढ़े तो घणा
पण समझबा हाळा
बरला ही होवै छै॥
12. सभ्यता
सडकाँ पै दौड़ता टरक
ज्याँ का डलेवराँ को होस
दारू मै डूबग्यो
पळ-पळ
टकराबा की संक्या
मरबा को डर॥
13. अनुशासन
एक लावारिस मुरदो
जीं की अरथी
बड़ा लोगों का चन्दा सूं सजै छै।
14. राजनीति
गेला मै ऊभी
बना धणी की मोट्यार नार
जीं नै देख'र,
जण-जण की लाळ टपकै॥
15. विद्यार्थी
छापा की मसीन पै चढ्या
कोरा कागद
जीं पै
आखराँ की ठौर पै
स्याही का धब्बा ही धब्बा
छपर्या छै॥
***
रुखाँ का फागणी पत्ता
जो बसंती बाळ मै
बना अरथ
अठी सूँ उठी डोलता रै॥
16. शिक्षक
टूटी गाड़ी का सींग टूट्या बैल
ज्याँ की पीठ पै
जण-जण ही बोझ लाद द्यै॥
17. मित्रता
राम नामी दुपट्टो,
जीं ईं ओढ्या सूं-
परायो माल जेबाँ मै भरज्या॥
18. धर्म
वा पुराणी दारू,
जो सदा ही दूसरा नै।
पाई ज्या छै॥
19. ईश्वर
भेजा मैं उगी कपास
जी का तूंतड़ा ले
जुग-जुग सूं जुलाया
लगुमलट्ठा करे छै॥
20. साहित्यकार
अस्यो घस्यारो,
जी का घास का गट्ठाँ का
गरा' क
घणी मुस्कल सूं ही मलै छै॥
21. अफसर
नारदानो,
जो साण भादवा हो नै।
बारूँ मी'ना ही बहतो रै॥
22. त्याग
होली को बलायती रंग,
जी सूं।
लत्ता भी न बगड़ै।
अर'-
उछाव मै कमी भी न पड़ै।
23. कर्त्तव्य
तमोळ का पतासा,
ज्यासूं,
बाँटबा हाळा का हाथ भी
चपचपाता रै॥
24. सांस्कृतिक-कार्यक्रम
बाजतो ढोल,
जो-
घर की लाज को,
बना मोल लीलाम लगावै-
अर घर धणी,
देख सुण'र मगन हो ज्या॥
25. शहर
सुरसाँ को मूंडो
जो सुख संतोख अर सांति को
कलेवो कर्यां भी
भूख-भूख बतळावै॥
26. चुनाव
सुनेरी चीकणा मोटा कागद पै,
परदेसां मै छपी,
सुवावणी पोथी।
जीं मै-
खटमलां नै अण्डा दे मेल्या छै।