पी’र जावती लुगाई नै
धणी होळैसीक कैवण लाग्यो—
मरवण
अबकै कागद थोड़ा ढंग सूं लिखजै
नींतर व्है जावैली गड़बड़
क्यूं कै प्रौढ-सिक्सा रै चक्कर में
बापू ई पढण लागा है धड़ाधड़।