चैत री बाव
घणी अचपळी
फूल तौ फूल
पण खेर देवै काची कळी
बेसरमी-
अंगै ई लाज नीं राखै
आठ हुवौ के साठ
सगळां रा चीर खींच नांखै
खिंडा देवै केस
बिगाड़ देवै भेस
इणरौ
औ ही तोतक हरमेस
आ
किणी सूं चोज नीं राखै
चोर हुवौ के साहूकार
सब री आंख्यां में
धूड़ नांखै
आधौ तावड़ौ, आधी छांव
चैत री बाव।