थूं छतरी, म्हैं बळद

थारी जीवण गाडी रौ,

भूखौ तिस्यौ ढोंवतौ भार

अणथाग थारी गाडी रौ

कदै थारे गढ री नींव माथै

थूं म्हनै चिणायौ,

देख गढ-कांगरौ जोधा

थूं घणौ इतरायौ

थारै राज री घाणी माथै

म्हैं आंधौ बण घूम्यौ,

थूं ठाठ सूं राज कर्‌यौ

अर म्हैं भूखै रौ भूखौ

म्हैं रीझ्यौ, म्हैं खीज्यौ

थूं कोरड़ै सूं खाल ईज उधेड़ी

म्हैं दाणै-दाणै नै तरस्यौ

भर छकड़ा ल्यायौ थारी मेड़ी

पण इब म्हैं अंगड़ाई तोड़ी

तोड़ी उण गाडी री हाल

इब म्हैं म्हारी चाल चालस्यूं

थूं थारी चाल चाल।

स्रोत
  • सिरजक : विवेकदीप बौद्ध
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