साचाणी

इण जगत मांयनै

जातियां री

अणूत भीड़ है।

पण, कमी है

तो फगत अेक जात री,

कमी है, फगत मिनखजात री।

स्रोत
  • पोथी : थूं जाग मिनख ,
  • सिरजक : जेठानंद पंवार ,
  • प्रकाशक : महाप्राण प्रकाशन, बीकानेर
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