वीरो जद लेवण आयो
बाई वीरा सूं बोली
म्हाने पीयर रो चाव घणो
पर वां सूं भी चाव घणो है वीरा
म्हाने भणवा जावा रो।
अठे राज म्हैं भणवा जाऊं
छोड़ काम सब पाछे
दैराणी जैठाणी जावै,
नणद बाई रै साथे
नाना देवर-सा म्हाने भणावै
‘अ’ सूं आखर, ‘ग’ सूं गेलो
‘र’ सूं राब लिखावै।
जो वीरा साथे म्हैं चालूं
अणभणी रे जाऊं!
सगळी साथणियां पोथी बांचै
म्हैं सरम्या मर जाऊं!
थारे लारे वीरा जद म्हैं आस्यूं
पोथी आखी भण जाऊं
अणभणियां रो कलंक मिटावण
कागद बांच सुणाऊं।
एक अरज थूं वीरा सुणजै
भावज ने म्हारी भणावजै
छोरी थारी भणवा भेजजै
मत चौपाया मांय ले जावजै।