आपां

चायै करल्यां भलाईं

बी.ए.

एम.ए.

एम.फिल

का फेर पी.एचडी!

पण आपां नै

बोलणो नीं आवै

सौ-पचास

लोगां बिचाळै...

बोलणो कद सिखासी

स्कूलां में?

बोलै जिकै रा

बिकै बोरिया

अर

बोलै जिकौ

राज करै।

स्रोत
  • सिरजक : दीनदयाल शर्मा ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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