पीहरियै रा रूंखड़ा, ओळ्यूं कर झड़ जाय
कद आवैला चंचळी, उडीक सूख्यां जाय
नानाणै री राबड़ी, लागै मीठी गट्ट
दादी थारा गुलगुला, पड़िया फीका फच्च
सासरियै में पीवजी, हिवड़ै हेत लगाय
ऊंच-नीच री रीत में, म्हारी ढाल बण जाय
सहेल्यां संग सूवटां री, बंदनमाळ बणाय
चिरम्यां-चिरम्यां खेलतां, चिड़िया ज्यूं उड जाय।