पंखेरू

फड़फड़ाई पांख्यां

मींची आंख्यां

भजायो डर

जद आयो

आभै उडणों

जणांई तो

उडग्यो फुर्र।

स्रोत
  • पोथी : थार सप्तक 6 ,
  • सिरजक : हनुमान प्रसाद 'बिरकाळी' ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’
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