बीड़ी नौ बूर

परमाणु नौ हूर है

बीडी नौ धुंआड़ो

काट लागौ कुंवाड़ो है।

बीड़ी बरै अेम बरवू पड़ै

नै बीड़ी पीवा वाळा नें

वगर मौते मरवू पड़ै।

बीडी जैर है

जीवण नूं वैर है

नै बीड़ी अगर नीड़ी नीं राखी

तं जीवण लीलालैर है।

बीड़ी बवंडर है

नै पीवा वाळो पौते

मन थकी लवण्डर है।

पण जाणतौ नथी

नै हकीकत मानतौ नथी

कै बीड़ी

अेक दाडो अेना हैया मंय

तपता नईया भरेगा

धीमे-धीमे हेत्ता डील मंय फरेगा

नै वअें जातै अेने मातै

अेवो असर करेगा

कै बीड़ी नो बादसां

दाँत काडेगा/न रोई सकेगा

जागेगा सोई सकेगा।

बस फरैगा-चरेगा

कण-कण बरैगा

भूतकाल नी भूल मातै

पछतावों करेगा।

पण अवे हुं थाई सकै

कैने केवाई सकै

जे पेर्यू है उगैगा

करणी नूं फल मलैगा

कैम कै बीडी नी सीढी चढवी

घणो मौटो कसूर है

बीड़ी आकड़ियों है/थूर है

बीडी नौ बूर

परमाणु नौ हूर है।

स्रोत
  • सिरजक : छत्रपाल शिवाजी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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