कंप्यूटर रो आयो जमानों
कलम चलाणीं भूलग्या,
मोबाईल रा नंबर आएग्या
लोग ठिकाणां भूलग्या।
धोती पगडी पाग भूलग्या
मूंछयां ऊपर ताव भूलग्या,
शहर आयकर गांव भूलग्या,
बडेरां रा नांव भूलग्या।
हेलो केवे हाथ मिलावे
रामाशामा भूलग्या,
गधा राग में गावणं लाग्या,
सा रे गा मा भूलग्या।
बोतल ल्याणी याद रेयगी,
दाणां ल्याणां भूलग्या,
होटलां रो चस्को लाग्यो,
घर रा खाणां भूलग्या।
बे टिचकारा भूलगी
बे खंखारा भूलग्या,
लुगायां पर रौब जमाणों,
मरद बिचारा भूलग्या।
जवानी रा जोश मांयनें
बुढापा नें भूलग्या,
हम दो हमारे दो,
मा बापां नें भूलग्या।
संस्कारां नें भूलग्या
खुद री भाषा भूलग्या,
लोकगीतां री रागा भूल्या,
खेल तमाशा भूलग्या।
घर आया रो करे वेलकम
खम्मा खम्मा भूलग्या,
भजन मंडल्यां भाडा री,
जागरण जम्मा भूलग्या।
बिना मतलब बात करे नहीं
रिश्ता नाता, भूलग्या,
गाय बेचकर गिंडक पाळे,
खुद री जातां भूलग्या।
काणं कायदा भूलग्या,
लाज शरम नें भूलग्या,
खाणं पांण पेराणं बदलग्या,
नेम धरम नें भूलग्या।
घर री खेती भूलग्या,
घर रा धीणां भूलग्या,
नुंवां नुंवां शौक लागग्या,
सुख सुं जीणां भूलग्या।
अगाडी री करे आरती
पिछाडी नें भूलग्या,
कन्नें कोडी नब रिवी तो,
तिवाडी नें भूलग्या।