भूख

पेट री पाती

सांसां सूं लिख्योड़ी,

हाथ रै नांव

सुबै-सांझ!

पण कुण वांचै

लाई हाथां री आंख्यां में

हमैं कठै है रोसनी!

स्रोत
  • पोथी : जागती जोत ,
  • सिरजक : पुरुषोत्तम छंगाणी ,
  • संपादक : भगवतीलाल व्यास
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